दिल्ली कोरोना के बढ़ते विस्तार से भारत सरकार बहुत ही चिंतित है,और चिंतित हो भी क्यौं न,कोरोना कि बीमारी ही ऐसी है ,इसलिए सरकार को चिंता सता रही है कि थोड़ी सी लापरवाही पर मौतों का आकडा बढ़ सकता है इसलिए सरकार ने सरकारी अस्पतालों से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक के लिए विशेस गइडलाइन जारी किया है जिसके अंतर्गत नवजात शिशुओं ,गर्भवती महिलाओं ,खतरनाक रूप से कुपोषण से प्रभावित, कैंसर जैसी घातक बीमारी से पीड़ित तथा एचआईवी ,डायलिसिस ,थैलेसिमिया ,टीबी जैसे रोगों से पीड़ित व्यक्ति को बचाया जा सके |
ऐसे मरीजों की देखरेख करने के लिए आशा कर्मियों को मिली ज़िम्मेदारी
आपको बताते चलें की उपरोक्त लिखित बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए आशाकर्मियों को लिस्ट बना कर के स्वास्थ्य मंत्रालय के पोर्टल पर भेजने के लिए कहा गया है, भारत सरकार पूर्व मे इबोला प्रकोप के बारे मे बताते हुये कहा है की उस समय खसरा,मलेरिया,एचआईवी तथा टीबी आदि के वजह से ज्यादा मौतें हो गयी थीं ,सरकार ने आगे कहा की इस बार हमे कोरोना के खिलाफ चौकन्ना रहना होगा ,किसी भी नागरिक को पूरी चिकित्सीय सहायता मिले इसक्र लिए हमने अतिरिक्त कार्यबल की कमी ,सेवानृवित्त चिकित्सक ,नर्स की सेवा को बढ़ाने का फैसला किया है |
गर्भवती महिलाओं का लिया जाएगा 3 महीने तक का ब्यौरा
आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है की अपने इलाकों मे 3 महीने तक की अवधि मे जन्म देने वाली गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करें ताकि उनको सुचारु ढंग से हेल्थ सेंटर से जोड़कर फॉलो किया जा सके |
कोरोना के अतिरिक्त अन्य इलाज़
आपको अवगत करादें कि सरकार ने निर्धारित ब्लाक के अतिरिक्त स्वाष्थ्य केन्द्रों और अस्पतालों को कोरोना के साथ साथ गैर कोरोना सेवाओं तथा आयुष इनफ्रास्ट्रक्चर को भी जारी को भी जारी रखने को कहा है|